कोई नेता न बेचने पाए, कफ़न किसी शहीद का, उस वसंती शाम को.... कोई नेता न बेचने पाए, कफ़न किसी शहीद का, उस वसंती शाम को....
एक बार भी माँ की सुुधि ना मेरे लहू का रंग बदल गया। एक बार भी माँ की सुुधि ना मेरे लहू का रंग बदल गया।
इस धरा को नरक कर के स्वर्ग में सीढ़ी लगाना औरों के लिए काटें बो कर, फूल की इच्छा जताना.... इस धरा को नरक कर के स्वर्ग में सीढ़ी लगाना औरों के लिए काटें बो कर, फूल की इच्छा ...
मैं घबरा गया और सबको बटोरा पोटली में बाँध कर ज्यों का त्यों रख दिया मैं घबरा गया और सबको बटोरा पोटली में बाँध कर ज्यों का त्यों रख दिया